रामेश्वरम मंदिर का इतिहास | History of Rameshwaram Temple

रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु ( Tamil Nadu ) के रामनाथपुरम जिले में स्थित हिन्दुओं का एक पवित्र मंदिर है। रामेश्वरम मंदिर भारत के चार धाम मंदिरों में से एक है। इस  मंदिर को रामनाथस्वामी मंदिर ( Ramanathaswamy Temple) के नाम से भी जानते हैं 

मित्रों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको रामेश्वरम मंदिर के इतिहास ( History of Rameshwaram Temple ) के बारे में बताएंगे। 

रामेश्वरम मंदिर का इतिहास  | History of Rameshwaram Temple in Hindi

रामेश्वरम मंदिर ( Rameshwaram Temple ) के बारे में कहा जाता है कि श्रीलंका में रावण का वध करने के बाद श्रीलंका से लौटते समय भगवान् राम ने यहाँ पर भगवान् शिव की पूजा की थी। जैसा कि आप लोग जानते ही होंगे कि रावण एक ब्राह्मण था और भगवान राम ने रावण का वध किया था।  इसका मतलब उन्होंने एक ब्राह्मण की हत्या की थी। इसी दोष को समाप्त करने के लिए भगवान राम भगवान शिव की पूजा करना चाहते थे। 


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History of Rameshwaram Temple




इसलिए श्रीलंका से लौटते समय भगवान राम ने भगवान शिव की इसी स्थान पर और तभी इसका नाम रामेश्वरम मंदिर और रामेश्वर द्वीप पड़ा।  जब श्रीलंका से लौटते समय जब भगवान् राम ने यहाँ पर कदम रखे थे।  उस समय इस द्वीप पर कोई भी मंदिर नहीं था। फिर भगवान राम ने हनुमान जी को कैलाश से भगवान शिव की मूर्ति लाने को भेजा। 

फिर हनुमान जी भगवान शिव की मूर्ति लाने के लिए कैलाश गए।  जब हनुमान जी सही समय पर शिवलिंग लेकर नहीं लौटे तो माता सीता ने समुद्र की रेत से शिवलिंग बनाया।  फिर भगवान राम ने उस शिवलिंग की पूजा की और फिर जब हनुमान जी शिवलिंग लेकर आये तो फिर उस शिवलिंग को भी वहीँ स्थापित कर दिया गया। 

फिर इसके बाद १५वीं शताब्दी में इसके ७८ फ़ीट ऊँचे गोपुरम का निर्माण राजा उडैयान सेतुपति एवं नागर निवासी वैश्य ने १४५० में कराया था। 

इन सब के बाद 16वीं शताब्दी में तिरुमलय सेतुपति ने मंदिर की दक्षिण में दूसरे हिस्से की दीवार का निर्माण करवाया था। फिर 16वीं शताब्दी में ही नदी मंडप का निर्माण मदुरै के राजा विश्वनाथ नायक के एक अधीनस्थ राजा उडैयान सेतुपति कट्टत्तेश्वर के द्वारा कराया गया था। कहते हैं कि वर्तमान समय में रामेश्वरम मंदिर का जो रूप है, उसका निर्माण 17वीं शताब्दी में कराया गया था। कहा जाता है कि इसके निर्माण की आज्ञा राजा किजहावन सेतुपति या रघुनाथ किलावन ने दी थी। 


निष्कर्ष ( History of Rameshwaram Temple in Hindi )

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