कैलाश पर्वत के बारे में अनोखे रहस्य  | Kailash Parvat mystery in Hindi

नमस्कार दोस्तों, 

आज के इस आर्टिकल में हम लोग कैलाश पर्वत ( Kailash Parvat ) से जुडी कई अनोखी तथा रहस्यमयी बाते जानेंगे जो आपके होश उड़ा देंगी। 

तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत के रहस्यों की चर्चा अक्सर होती ही रहती है। कैलाश पर्वत एक ऐसा पवित्र स्थान है जो दैव्य, भव्य तथा दुर्लभ रहस्यों से भरा हुआ है। इसी वजह से इस कैलाश पर्वत के वर्णन को शब्दों में बांधा जा पाना संभव नहीं है।  कहते हैं कि कैलाश पर्वत पर देवों के देव महादेव स्वयं विराजमान हैं।  इसलिए वहां की अद्भुत विलक्षणता की व्याख्या कर पाना हर किसी के वश की बात नहीं। 

आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से कैलाश पर्वत के मुख्य रहस्यों के बारे में बात करेंगे जिसे जो कोई भी सुनता है वह आश्चर्यचकित हो जाता है। 


कैलाश पर्वत से जुड़े 7 रहस्य | 7 mysteries related to Mount Kailash

अब हम एक एक करके कैलाश पर्वत से जुड़े 7 रहस्यों के बारे में बात करेंगे। 


mystery of kailash parvat
Kailash Parvat Mystery | कैलाश पर्वत से जुड़े रहस्य 



1. कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के बसने का रहस्य | The mystery of Lord Shiva's residence on Mount Kailash

कैलाश पर्वत ( Kailash Parvat ) से जुड़ी यह बात तो हर इंसान से सुनी जा सकती है कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिव रहते हैं। इस बात को शिव पुराण तथा स्कन्द पुराण में भी बताया गया है। इनमे कैलाश पर्वत की पौराणिक महिमा बताई गयी है। इन पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान रहा है। अब मन में यह प्रश्न उठता है कि भगवान शिव ने कैलाश पर्वत को ही अपना निवास स्थान क्यों चुना ?

आखिर इस बात के पीछे क्या रहस्य हैं ?

इस सम्बन्ध में संत महात्माओं का कहना है कि धरती के केंद्र में स्थित होने के कारण सम्भवता भगवान शिव ने कैलाश पर्वत को ही अपना निवास स्थान चुना जिससे कि वे इस स्थान से पूरी सृष्टि को संचालित कर सकें। 


2.कैलाश पर्वत पर पवित्र ध्वनियों का रहस्य | The mystery of the sacred sounds on Mount Kailash

कहते हैं कि कैलाश पर्वत ( Kailash Parvat ) के आसपास ॐ की ध्वनि सुनाई देती है। कई लोगों का कहना है कि उन्हें कैलाश पर्वत के आसपास भगवान शिव के डमरू की आवाज भी सुनाई दी है।  लोगों को कैलाश पर्वत पर एक काफी बड़ी तथा ऊँची जटाधारी आकृति का भी आभास होता है। ऐसा एहसास होता है कि भगवान शिव तपस्या में लीन हों। जब कुछ व्यक्तियों ने जब इस पर्वत पर चढ़ने की कोशिश की, तब उनके पैर धरती में जम गए।  ऐसा महसूस होता है कि कोई अदृश्य शक्ति उन्हें रोकने का प्रयास कर रही है। 

तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत पर जब वहां के धर्मगुरुओं ने वहां पहुंचने की कोशिश की तो अचानक से कई शंखों की आवाज उनके कान में सुनाई देने लगी। जब उन शंखों की आवाजों को सुनना असहनीय हो गया तो वे धर्मगुरु अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर वापस आ गए। 

3.कैलाश पर्वत पर किसी के न चढ़ पाने का रहस्य | The mystery of no one being able to climb Mount Kailash

कहते हैं कि जहाँ भगवान होते हैं वहां पर मानव का पहुंचना कठिन होता है। अगर बात की जाए कैलाश पर्वत की, तो कैलाश पर्वत तो एक परम देवत्व स्थान है जहाँ किसी व्यक्ति का पहुंच पाना संभव नहीं है। कई लोग ऐसा भी कहते हैं कि यहाँ की अदृश्य शक्तियां खुद नहीं चाहती कि कोई मानव इस कैलाश पर्वत पर आ सके।  सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात तो ये है कि माऊंट एवेरेस्ट कैलाश पर्वत से भी ऊँचा है वहां पर काफी लोग चढ़ चुके हैं पर कैलाश पर्वत पर कोई नहीं चढ़ सका। इसका कारण लोग रहस्य्मयी शक्तियों द्वारा रोका जाना मानते हैं।  काफी लोगों ने कैलाश पर्वत पर चढ़ने का प्रयास तो किया लेकिन वे असफल रहे। लोगों ने कैलाश पर्वत के रहस्यों को दूर से ही महसूस किया है। 


4.कैलाश पर्वत का पृथ्वी का केंद्र बिंदु होने का रहस्य | The mystery of Mount Kailash being the center point of the Earth

भौगोलिक स्थिति के अनुसार कैलाश पर्वत जिस स्थान पर है वह हमारी धरती का केंद्र बिंदु है।  यही वो स्थान है जहाँ पृथ्वी को संचालित करने वाली दिव्य तथा अलौकिक शक्तियां प्रवाहित होती हैं। यही वो स्थान है जहाँ से दुनिया में बहने वाली काफी नदियाँ जैसे कि ब्रह्मपुत्र, सिंधु, सतलुज आदि नदियाँ यहाँ से प्रकट होती हैं और पूरी धरती को पवित्र कर देती हैं। यहाँ पश्चिम में मान सरोवर और दक्षिण में राक्षसताल झील हैं।  ऐसा माना जाता है कि मान सरोवर झील भगवान शिव का आशीर्वाद है। जिसके स्पर्श मात्र से रोग, क्षय तथा भय आदि से मुक्ति मिलती है। वहीँ राक्षसताल झील का जल मानव के लिए विषतुल्य है। 

5. कैलाश पर्वत के आसपास उम्र के तेजी से बढ़ने का रहस्य  | The mystery of rapid aging around Mount Kailash

एक बार एक अंग्रेज ने यह ठाना कि वह कैलाश पर्वत पर चढ़ कर ही रहेगा।  उसके बाद उसने कैलाश पर्वत पर जाने के लिए चढ़ाई शुरू कर दी। लेकिन वह आधे रास्ते से ही लौट आया। लेकिन जब उसने अपनी यात्रा के अनुभवों को लोगों के सामने साझा किया, तो लोग उसकी बायतों को सुनकर हैरान हो गए। उस अंग्रेज ने बताया कि जब मैंने चढ़ाई शुरू की थी तो सबकुछ सामान्य था। लेकिन जैसे जैसे मैं आगे बढ़ता जा रहा था, वैसे वैसे ही मेरे साथ अचंभित कर देने वाली घटनाएं मेरे साथ होना शुरू हो गयीं। 

उस अंग्रेज ने बतया कि जब मैं इस यात्रा के लिए निकला था तब मेरी उम्र केवल तीस वर्ष थी इसलिए मेरे सर के सभी बाल काले थे। फिर जैसे जैसे मैं कैलाश पर्वत की चढ़ाई के लिए मैं आगे बढ़ता गया वैसे वैसे मेरे बाल सफ़ेद होने लगे। मेरे चेहरे और हाथों पर झुर्रियां भी नजर आने लगी थी। मैंने अपनी शारीरिक क्षमता में भी यह महसूस किया कि अब मैं जवान से बूढ़ा हो चला था। उस अंग्रेज ने बताया कि जब मैंने अचानक अपनी स्थिति में यह परिवर्तन देखा तो मैं पूरी तरह से घबरा गया और मैंने कैलाश पर्वत पर चढ़ने का इरादा त्याग दिया। वैज्ञानिक इस स्थान की जलवायु को पर्वतारोहियों के लिए प्रतिकूल मानते हैं। इसलिए वे कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पाते। 

6. कैलाश पर्वत की बनावट का रहस्य | Mystery of the structure of Mount Kailash

यदि आप कैलाश पर्वत के दर्शन करें तो आप पाएंगे कि यह पर्वत अन्य पर्वतों की तुलना में काफी दिव्य है। इसके पिरामिड आकर को देखकर ऐसा लगता है कि इसे किसी अलौकिक शक्ति ने अपने हाथों से रचकर इसे यहाँ रख दिया हो क्योंकि कैलाश पर्वत के जैसे दिव्य दर्शन कहीं और नहीं मिलते। 

7. मोक्ष प्राप्ति का रहस्य 

भारतीय ऋषि मुनि ही नहीं अपितु तिब्बत के धर्मगुरुओं का भी ये मानना है कि कैलाश मान सरोवर की तीन अथवा तेरह परिक्रमा की जाए तो उस व्यक्ति को रोग, क्षय तथा भय से मुक्ति मिलती है और उसके पापों का नाश हो जाता है। 

ऐसा भी माना जाता है कि कैलाश मान सरोवर की 108 बार परिक्रमा करने से मनुष्य सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष को प्राप्त करता है।  आपको यह भी बता दें कि कैलाश मानसरोवर का परिक्रमा पद लगभग 40 किलोमीटर का है। 

मित्रों ये थे कैलाश पर्वत से जुड़े मुख्य रहस्य जिन्हें आपको जानना बहुत जरुरी है। 

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