हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिर | Famous Temples at Haridwar
नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में मैं आपको हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिरों ( Famous Temples at Haridwar ) के बारे में बताने जा रहा हूँ। बताना चाहूंगा कि हरिद्वार भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। यहाँ पर आपको कई सारे ऐसे प्रसिद्ध मंदिर मिलेंगे जिनकी अपनी अपनी अलग खासियत है। आपको हरिद्वार के ये प्रसिद्ध मंदिर जरूर देखने चाहिए। आज के इस आर्टिकल में मैं आपको विस्तार से इन मंदिरों के बारे में बताएंगे।
हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिरों ( Famous Temples at Haridwar ) की सूची इस प्रकार है -
मित्रों, ये है हरिद्वार के प्रमुख मंदिरों ( Famous Temples at Haridwar ) की सूचि जहाँ आपको घूमना चाहिए :-
मनसा देवी मंदिर
चंडी देवी मंदिर
दक्षेस्वर महादेव मंदिर
भारतमाता मंदिर
नरसिंह महादेव मंदिर
सप्तऋषि आश्रम
अंजनी माता मंदिर
मनसा देवी मंदिर | Mansa Devi Mandir, Haridwar-
मनसा देवी मंदिर हरिद्वार से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बिलवा पहाड़ पर स्थित है। जो शिवालिक पर्वत श्रंखला में आता है। मनसा देवी को पुराणों के अनुसार भगवान शिव की पुत्री के रूप में मान्यता प्राप्त है। मनसा देवी के इस मंदिर में दूर दूर से भक्तगण आते हैं और नवरात्री पर तो यहाँ काफी भीड़भाड़ होती है। कहते हैं कि माँ मनसा देवी अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं। यहाँ पर आनेवाले भक्तगण अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और एक पेड़ पर धागा बांधते हैं। फिर जब मनोकामना पूरी हो जाती है तब उस धागे को खोलते हैं और फिर माँ मनसा देवी का आशीर्वाद लेकर चले जाते हैं।
चंडी देवी मंदिर | Chandi Devi Mandir, Haridwar -
वैसे तो उत्तराखंड की सबसे पवित्र नगरी हरिद्वार में मंदिर बहुत हैं पर यहाँ चंडी देवी मंदिर की अपनी एक अलग पहचान है। चंडी देवी मंदिर हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध तथा सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। कहते हैं कि चंडी देवी का यह मंदिर १२०० साल पुराना है। इस पहाड़ी पर माता का मंदिर बनने की एक कथा यह है कि पुराणों के अनुसार जब शुम्भ निशुम्भ नामक दो दानव देवताओं पर काफी ज्यादा अत्याचार करने लगे और देवताओं से स्वर्ग छीनना चाहते थे। फिर माता पार्वती के तेज से चंडी देवी उत्पन्न हुई। फिर चंडी माता ने उन दोनों दानवों का इसी स्थान पर अंत किया और कुछ समय इसी स्थान पर विश्राम किया। इसी वजह से इस पहाड़ी पर चंडी माता का यह मंदिर बना। चंडी माता के दर्शन करने के लिए दूर दूर से भक्तगण यहाँ आते हैं।
दक्षेस्वर महादेव मंदिर | Daksheswar Mahadev Temple in Haridwar -
दक्षेस्वर महादेव मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में हरिद्वार की भूमि से ४ किलोमीटर दूर कनखल क्षेत्र में है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। दक्षेस्वर महादेव मंदिर के पीछे एक पौराणिक कहानी भी है। पौराणिक कहानी के अनुसार दक्षेस्वर मंदिर के इसी स्थान पर प्रजापति दक्ष ने एक यज्ञ आयोजित किया था।
इस यज्ञ में प्रजापति दक्ष ने सभी देवी देवताओं को बुलाया था पर प्रजापति दक्ष ने महादेव और सती को नहीं बुलाया था। जब सती को इस यज्ञ के बारे में पता चला तो वे वहां जाने की जिद करने लगीं। तब उनकी जिद के आगे हार कर भगवान शिव ने उन्हें वहां जाने दिया।
फिर जब सती यज्ञ में पहुंची तो वहां पर उनका आदर वैसे नहीं हुआ जैसे और सभी का हुआ था।
यह सब देखकर सती ने अपने माता पिता के सामने नाराजगी जाहिर की फिर उनके पिता ने भगवान शिव का अपमान करना शुरू कर दिया। जब प्रजापति दक्ष महादेव का अपमान कर रहे थे फिर सती से यह अपमान सहन नहीं हुआ फिर उन्होंने उसी यज्ञ की अग्नि में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए।
जब भगवान शिव को यह सब पता चला तो भगवान शिव क्रोध में वहां पर पहुंचे और उन्होंने प्रजापति दक्ष का सिर काटकर उसका वध कर दिया।
फिर अन्य सभी देवी देवताओं के कहने पर प्रजापति दक्ष को भगवान शिव ने फिर से उसे जीवनदान दिया।
फिर प्रजापति दक्ष ने अपने पाप का पश्चाताप करते हुए दक्ष ने भगवान शिव से माफ़ी मांगी। फिर भगवान शिव ने कहा कि वे कनखल स्थान पर सावन के महीने में यहीं रहेंगे। इस घटना के बाद से हर साल सावन के महीने में भक्तगण दूर दूर से यहाँ भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्तगण सच्ची भक्ति और श्रद्धा के साथ अपनी मनोकामना लेकर यहाँ आते हैं भगवान शिव उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं। आपको भी यह दक्षेस्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव के दर्शन जरूर करने चाहिए।
भारतमाता मंदिर | BharatMata Temple in Haridwar -
भारत के उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार में भारत माता मंदिर एक देशभक्तिपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर राष्ट्र की भावना दिखाता है। 1983 में निर्मित, इस भारतमाता मंदिर में किसी देवता की पूजा नहीं बल्कि 'भारत माता' का सम्मान होता है। इस मंदिर में संगमरमर से उकेरा गया भारत का एक विशाल मानचित्र है।
इस मानचित्र में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को जटिलता के साथ दर्शाया गया है। यह भारतमाता मंदिर विविधता में एकता और देशभक्ति का प्रतीक है। यह भारतमाता मंदिर मातृभूमि को श्रद्धांजलि अर्पित करने का उचित स्थान है। हरिद्वार में भारत माता मंदिर राष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और भक्ति का प्रमाण है। आपको भी यह भारत माता मंदिर जरूर देखने जाना चाहिए।
नरसिंह भगवान मंदिर | Narsingh Bhagwan Mandir, Haridwar -
हरिद्वार में नरसिंह भगवान मंदिर अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए काफी प्रचलित है। यह मंदिर भगवान नरसिंह को समर्पित है, जो नर-शेर के रूप में भगवान विष्णु के अवतार थे। भगवान नरसिंह का आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दूर से भक्त इस पवित्र स्थल पर आते हैं, जिन्हें बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। मंदिर का इतिहास पौराणिक कथाओं से भरा हुआ है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान नरसिंह अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने और राक्षस राजा हिरण्यकशिपु को हराने के लिए प्रकट हुए थे। भगवान नरसिंह की मूर्ति, उनके आकर्षक आधे पुरुष, आधे शेर के रूप में, दैवीय सुरक्षा के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में खड़ी है। ऐसा माना जाता है कि भगवान नरसिंह चुनौतियों का सामना करने की शक्ति और उन पर विजय पाने का साहस प्रदान करते हैं। मंदिर के भीतर का वातावरण भक्ति और श्रद्धा से भरा हुआ है।
मंदिर के पुजारी मंदिर की काफी अच्छे से देखभाल करते हैं। यह नरसिंह भगवान का मंदिर अपने आप में एक बहुत ही खास महत्व रखता है आपको यह नरसिंह भगवान का मंदिर जरूर देखना चाहिए।
सप्तऋषि आश्रम | Saptrishi Ashram in Haridwar -
भारत देश के उत्तराखंड राज्य के आध्यात्मिक शहर हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित, सप्तऋषि आश्रम एक शांत स्थान है जो दुनिया भर से साधकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। इतिहास और आध्यात्मिकता से सराबोर इस आश्रम का नाम उन सात महान ऋषियों के नाम पर रखा गया है जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने प्राचीन काल में यहां ध्यान किया था। इस आश्रम का शांत वातावरण, गंगा के सौम्य प्रवाह और राजसी हिमालय पर्वत की पृष्ठभूमि के साथ, आत्मनिरीक्षण और ध्यान के लिए एक आदर्श वातावरण बनाता है। सप्तऋषि आश्रम उस शाश्वत ज्ञान और शांति का एक प्रमाण है जिसका प्रतिनिधित्व हरिद्वार करता है। यहाँ पर काफी दूर दूर से लोग आते हैं।
अंजनी माता मंदिर | Anjani Mata Mandir
मित्रों, अंजनी माता का यह मंदिर भारत देश के उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार में स्थित है। अंजनी माता और कोई नहीं बल्कि हनुमान जी की माँ हैं। हरिद्वार में अंजनी माता का यह मंदिर उनकी तपस्या के लिए पहचाना जाता है। इसी स्थान पर तपस्या करने के बाद अंजनी माता ने हनुमान जी को पुत्र के रूप में प्राप्त किया था। कहते हैं कि यहाँ पर जो भी भक्त बालक की मनोकामना लेकर आते हैं तो अंजनी माता उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती हैं। यह मंदिर चंडी देवी मंदिर से थोड़ी ही दूरी पर है। अगर आप चंडी देवी मंदिर देखने जाएँ तो अंजनी माता मंदिर में अंजनी माता के दर्शन जरूर करियेगा। दूर दूर से भक्तगण अंजनी माता के दर्शन करने के लिये यहाँ आते हैं।
मित्रों, ये थे हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिर ( Famous Temples at Haridwar ) जहाँ आपको अपने जीवन में कम से काम एक बारे जरूर जाकर देखना चाहिए।
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